भ्रष्ट अधिकारी से सावधान रहना साहब! ‘‘ ऐसा कोई सगा नही, जिसको इसने ठगा नहीं ’’

 

लाओ लाओ वी......सी के नाम का लाओ !

हरिद्वार। भ्रष्ट सहायक अभियंता द्वारा जनपद में भूमाफियाओं से मिलीभगत करके अवैध कालोनियों व आवासीय क्षेत्रों में व्यवसायिक निर्माण कार्य कराया जा रहा हैं। आरोपित अधिकारी की भ्रष्ट कार्यशैली के चलते प्रदेश सरकार की छवि धूमिल करने के साथ ही भ्रष्टाचार को भी खूब बढ़ावा मिल रहा हैं।

 आरोप है कि भ्रष्टचार में आंकठ तक डूबा सहायक अभियंता अवैध निर्माणों में अपने उच्च अधिकारियों का नाम लेकर लोगों से पैसा उगाही करता रहा हैं। तत्कालीन अधिकारी के विदाई के बाद शहर में चर्चा हैं कि शहर में अवैध निर्माणों में भ्रष्टाचार की परकाष्ठा प्राप्त करने वाला चर्चित भ्रष्ट अधिकारी कहीं नवनियुक्त अधिकारी को भी अपने चूरन की पुड़िया न थमा दे । क्योंकि बताया जा रहा हैं चूरन पुड़िया पकड़ाने में यह अधिकारी खासा माहिर हैं, पूर्व अधिकारी को इस सहायक अभियंता ने खूब चूरन पुड़िया पकड़ाई हैं। जिससे साहब इस पर और इसकी कारगुजारियों पर खासा मेहरबां थे। साहब का हजमा भी ठीक रहा ,सहायक अभियंता ने जो दिया- लिया वह सब हजम कर गए । साहब ! आपकों इस सहायक अभियंता से अब सावधान रहना होगा क्योंकि इस सहायक अभियंता की कारगुजारियों से हर शहरी वाकिफ हैं । इसके विषय में कहावत हैं कि ऐसा कोई सगा नहीं , जिसको इसने ठगा नहीं। इसलिए लोगों के जेहन में सवाल हैं कि कहीं पूर्व की भांति अंधेर नगरी चौपट राजा वाली कहानी न हो जाए हैं और सहायक अभियंता अपने मकसद में फिर से कामयाब हो जाए। इतना ही नहीं पूर्व अधिकारी का खास बन कई कारगुजारियां कर चुका यह अधिकारी ने विदाई के अंतिम क्षणों में भी बड़े साहब को जाते-जाते भी भारी गिफ्ट की गठरी देकर विदा किया , जिसके लिए कर्मचारियों की मार्फत पूरे शहर से लाल और हरे गांधी  बटोरने की जानकारी सूत्रों ने दी हैं। लोगों का मानना हैं कि इसलिए साहब को समयपूर्व ऐसे भ्रष्ट अधिकारी से सावधानी बरतनी जरूरी हैं।

  जहां एक ओर अवैध निर्माणों में संलिप्त अधिकारी अपनी बेलगाम कार्यशैली से भ्रष्टाचार की लगातार नई ऊंचाइयों को छू रहा हैं वहीं दूसरी तरफ प्रदेश की धामी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति को भी भाजपा के पूर्व मंत्री व तत्कालीन अधिकारी का चहेता बनकर सहायक अभियंता जमकर पलीता लगाने से बाज नहीं आ रहा हैं। 

सूत्र बताते हैं कि यूपी निवासी सालों और रिश्तेदारों के माध्यम से अवैध निर्माणों में सहभागिता से कमाई काली कमाई प्रापर्टी आदि में निवेश कर रहा हैं। इन सहायक महाश्य की अभी पूरी तरह विभाग में नौकरी भी पक्की नही हुई है और अभी इनका परिवीक्षा काल चल रहा है पर पैसे की भूख और सत्ता संरक्षण का मद हैं जो न करा दे। बावजूद उसके विभागीय मंत्री और अधिकारी भ्रष्टाचार में डूबे सहायक अभियंता  के कारनामों को छिपाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। सूत्र इसके पीछे की मुख्य वजह भ्रष्ट अधिकारी को संरक्षणकर्ताओं का दुधारू गाय होना मान रहे हैं ।

 हरिद्वार में तैनात सहायक अभियंता की भ्रष्टाचार की तमाम शिकायते शासन प्रशासन स्तर पर दबा दी गई हैं। भाजपा की प्रदेश सरकार में जीरो टॉलरेंस सिर्फ कहने और दिखावे भर को हैं। सहायक अभियंता की भ्रष्टाचार लिप्त कार्यशैली इसी का जीता जागता उदाहरण हैं। विगत वर्षो पूर्व अवैध निर्माणों में संलिप्त सहायक अभियंता के भ्रष्टाचार एवं पद की मर्यादा के विपरीत कार्य करने और उनकी लगातार मिल रही शिकायतों से क्षुब्ध होकर तत्कालीर्न आईएस अधिकारी ने अवैध निर्माणों के मामले में सहायक अभियंता की कार्यशैली में सुधार न लाए जाने पर और अनाधिकृत निर्माणों में संलिप्तता पाए जाने पर एई के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही करने हेतु अपनी आख्या शासन को भी भेजी थी। किन्तु आईएस की संस्तुति पश्चात भी कार्रवाही शासनस्तर पर वोह ही ढाक के तीन पात रही । बात यही समाप्त नहीं हो जाती एक पचपन वर्षीय महिला ने धन उगाही का आरोप लगाते हुए मामले में सहायक अभियंता की शिकायत प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री से की पर कमाल देखिए सिस्टम का ! यहां सिस्टम ने जांच उसी अधिकारी को सौंप दी जिस एई के खिलाफ अधेड़ महिला ने धन उगाही का आरोप लगाया था। जांच आख्या में आरोपित अधिकारी ने आरोपों को निराधार बताया और विभाग ने शिकायत का निस्तारण कर दिया। 

बीते दिनों कार्यालय के बाहर सहायक अभियंता से त्रस्त स्थानीय लोगों ने पुतला फूंकते हुए कार्रवाही की मांग की थी। लेकिन विभागीय अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त होने के कारण यह मामला भी ठण्डे बस्ते में चला गया हैं। अब नवनियुक्त अधिकारी की तैनाती के बाद शहर के लोगों को भ्रष्ट सहायक अभियंता की कारगुजारियों से छुटकारा मिलने की उम्मीद जगी हैं। देखना होगा कि अगामी समय में साहब इस मामले में लोगों की उम्मीद पर कितना खरा उतरते हैं।


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