वेस्ट यूपी के कुख्यात संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की कोर्ट में गोलियां बरसा कर हत्या

 

  (फाइल फोटो) स्त्रोत-गूगल

" विक्की व निक्की की जीवा के गुर्गों के रूप में थी धर्मनगरी में पहचान

 जीवा के इशारे पर दिया था गोल्डी दीक्षित की हत्याकांड को अंजाम "

हरिद्वार। वेस्ट यूपी के कुख्यात संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की बुधवार को लखनऊ कोर्ट में हत्या कर दी गई। हमलावर वकील के भेष में आया था। लखनऊ जेल में बंद संजीव उर्फ जीवा को पेशी के लिए कोर्ट लाया गया था। दोपहर के करीब तीन बजकर 50 मिनट हुए थे, इसी दौरान एससी-एसटी एक्ट के विशेष न्यायाधीश की अदालत के बाहर हमलावर ने जीवा पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दीं। जीवा कोर्ट के गेट पर ही गिर पड़ा। हमलावर की फायरिंग में जीवा के अलावा एक बच्ची लक्ष्मी और कांस्टेबल लाल मोहम्मद जख्मी हो गए। तीनों को बलरामपुर अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने जीवा को मृत घोषित कर दिया। उसे छह गोलियां मारी गई थीं। वहीं, बच्ची की हालत गंभीर है। उसे ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया गया है। बताया जा रहा हैं कि हमलावर पकड़ लिया गया है। उसकी पहचान विजय यादव के रूप में हुई है और वह जौनपुर के केराकत का रहने वाला है।

  नामी बदमाश जीवा पर 22 मुकदमे दर्ज थे। 90 के दशक में जीवा ने जनता के बीच अपना खौफ शुरू किया था जो धीरे धीरे बढ़ता चला गया। मूलरूप से मुजफ्फरनगर के शाहपुर के आदमपुर गांव के रहने वाले पश्चिमी उत्‍तर प्रदेश के जीवा का नाम बीजेपी सरकार में उर्जा मंत्री रहे ब्रह्मदत्त द्विवेदी की हत्या के बाद चर्चा में आया था। 10 जनवरी 1997 में फर्रुखाबाद में सिटी कोतवाली क्षेत्र में तिलक समारोह के दौरान ब्रह्मदत्त द्विवेदी की हत्या कर दी गई थी। इस मामले की जांच सीबीआई ने की थी। जांच में तत्कालीन सपा विधायक विजय सिंह और संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा का नाम सामने आया था। दोनों को ही इस मामले में उम्रकैद की सजा हो चुकी है।

जीवा ने हरिद्वार के ज्वालापुर निवासी नाजिम के साथ रहकर अपराध की दुनिया में क़दम बढ़ाए। यह गैंग हरिद्वार, सहारनपुर, मुजफ्फर नगर में अपहरण, डकैती, हत्या और लूट जैसे अपराध करता था। बाद में जीवा पूर्वांचल के बाहुबली माफिया मुख्तार अंसारी के संपर्क में आ गया। वर्ष 2005 में गाजीपुर के भांवरकोल में हुई बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या में भी जीवा का नाम सामने आया। मामले की जांच सीबीआई ने कीख् लेकिन गवाहों के पलटने और साक्ष्यों के अभाव में मुख्तार के साथ जीवा और अन्य आरोपित भी इस हत्याकांड से बरी हो गए।

 कुख्यात बदमाश संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा का हरिद्वार से भी खासा नाता रहा हैं । जीवा का नेटवर्क धर्मनगरी में खासा सक्रिया रहा हैं। कई प्रॉपर्टी विवादों से भी जीवा का खासा दखल रहा हैं। हरिद्वार शहर में विक्की और निक्की की पहचान जीवा के गुर्गो के रूप में की जाती हैं और गोल्डी हत्याकांड को अंजाम जीवा के इशारे पर ही दिया गया था। इसी हत्याकांड के बाद से विक्की ठाकुर और निक्की ठाकुर का नाम जीवा गैंग से जुड़ गया था।

बताते चलें कि नगर कोतवाली क्षेत्र की बिल्केश्वर कॉलोनी में रहने वाले अमित दीक्षित उर्फ गोल्ड़ी की छह मार्च 2017 की गोली मारकर हत्या कर दी थी।  इस मामले में गोल्डी के ससुर ने अज्ञात बदमाशों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिसिया जांच में सामने आया था कि कुख्यात संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा के इशारों पर दो शूटरों ने वारदात को अंजाम दिया था। इसमें हरिद्वार निवासी विवेक ठाकुर उर्फ विक्की ठाकुर ने शूटरों की मदद की थी। विक्की ने बताया था कि बदमाश सुभाष सैनी को मारने आए थे, लेकिन धोखे में अमित दीक्षित को मार दिया था।

दरअसल पूरा मामला हाईवे से सटी करोड़ों की भूमि को लेकर रहा है। प्रॉपर्टी डीलर सुभाष सैनी उस जमीन में पक्षकार है और दूसरे पक्ष की ओर से जीवा पैरोकार था। बेशकीमती भूमि को लेकर ही पूर्व में भी सुभाष सैनी की हत्या करनी चाही थी, लेकिन वो बाल-बाल बच गया था। तब कंबल कारोबारी अमित उर्फ गोल्डी दीक्षित भूमि विवाद की भेंट चढ़ गया था।

पुलिस ने जांच करते हुए कुख्यात संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा उर्फ डॉक्टर निवासी आदमपुर थाना भौराकलां मुजफ्फरनगर यूपी, हाल पता सोनिया विहार दिल्ली, शूटर मुजाहिद उर्फ खान उर्फ पप्पू उर्फ मनोज उर्फ साहिल निवासी एमडीडी, पंचपुरी कॉलोनी थाना रायपुर देहरादून, शूटर शाहरुख उर्फ पठान उर्फ धप्पू निवासी ग्राम टंकी चौक खालापार मुजफ्फरनगर यूपी, विवेक ठाकुर उर्फ विक्की व उसके भाई निखिल ठाकुर निवासी बद्री बावला की धर्मशाला बड़ी सब्जी मंडी कोतवाली नगर हरिद्वार व आरोपी रितेश शर्मा निवासी बिड़ला भवन बिरला रोड कोतवाली नगर हरिद्वार को अलग-अलग गिरफ्तार कर जेल भेजा था। मार्च 2021 में को गोल्डी दीक्षित हत्याकांड में संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा, शूटर शाहरुख व मुजाहिद, और विक्की को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। मामले में सरकारी पक्ष ने 18 गवाह पेश किए थे। इस केस में रितेश व निखिल ठाकुर को बरी कर दिया गया था।

हरिद्वार में संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा का व सुनील राठी वर्चस्व तोड़ने का श्रेय उस दौरान के एसएसपी रहे कृष्ण कुमार वी.के. को जाता है। जब गोल्डी मर्डर केस का खुलासा करते हुए उन्होंने विक्की ठाकुर को गिरफ्तार किया था।

पुलिस रेकॉर्ड के अनुसार, जीवा पर कुल 22 आपराधिक मुकदमे दर्ज थे जिनमें से 17 में वह बरी हो चुका था। उसके गैंग में करीब 35 से ज्‍यादा सदस्‍य हैं। फिलहाल वह लखनऊ जेल में बंद चल रहा था। वर्ष 2017 में कारोबारी अमित दीक्षित ऊर्फ गोल्‍डी हत्‍याकांड में भी जीवा को उम्रकैद की सजा मिली थी।

सूत्रों कि मानें तो वर्ष 2021 जीवा की पत्‍नी पायल ने सुप्रीट कोर्ट के मुख्‍य न्‍यायाधीश को पत्र लिखकर जीवा की जान को खतरा बताया था। 2017 में हुए यूपी विधानसभा चुनाव में पायल राष्‍ट्रीय लोकदल से चुनाव भी लड़ चुकी हैं। हालांकि उन्‍हें हार का सामना करना पड़ा।


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